Sunday, February 11, 2018

साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार-2017


माननीय सभाध्यक्ष महोदय, सभा में उपस्थित प्रबुद्ध साहित्यकार तथा साहित्यप्रेमीगण, आज आप लोगों की गरिमामयी उपस्थिति के बीच स्वयं को पाकर गौरवान्वित और परम आह्लादित हूँ। मेरी कविता संग्रह "धरतीसँ अकास धरि" को साहित्य अकादेमी जैसी शीर्ष और प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था ने 'साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार-2017" से नवाजा, इसलिये मैं साहित्य अकादेमी, निर्णायक मंडल एवं चयन प्रक्रिया में शामिल सभी व्यक्तियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। साथ हीं, आज मैं यह पुरस्कार उन सभी व्यक्तियों कों समर्पित करना चाहूँगा जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से मेरी लेखन प्रक्रिया से सम्बद्ध रहे हैं अथवा सरोकार रखते हैं।


मैं क्यों लिखता हूँ, कैसे लिखता हूँ और किसके लिये लिखता हूँ? इन सभी प्रश्नों के जबाव के तौर पर मैं सिर्फ इतना कहूँगा कि जब मेरे आसपास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होता है, जिनके समक्ष मैं अपना मनोभाव व्यक्त कर सकूँ, किन्तु मन में उपजे विचारों की अभिव्यक्ति तत्क्षण अपरिहार्य सी लगने लगती है, तब मैं कलम उठाता हूँ, तभी मैं लिखता हूँ। चूँकि ऐसी अभिव्यक्ति